हेनरी रूसो, ला बोहेमियन एंदोर्मी, १८९७
अकादमी द्वारा प्रस्तुत 'उसने कहा था (द ट्रोथ)', कमानी सदन नई दिल्ली में, सन २०१८, © ग्लिन क्रिडलैंड

‘मेरे ऊपर असीमित खुला आकाश है’ – मीरा मिश्रा कौशिक का साक्षात्कार : डॉ नंदिता साहू

  मीरा मिश्रा कौशिक, लंदन की सांस्कृतिक मुख्यधारा से जुड़ी एक ऐसी शख़्सियत हैं -जिन्हें  देखते ही आप उनके प्रभाव में आ जाते हैं | चेहरे पर अनुभव और ज्ञान का तेज, खूबसूरत पारम्परिक भारतीय …

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कोनो बाईरेई (1844-1895) की कृति

मृत्यु – नींद का नीला फूल है : बाबुषा कोहली की कविताएँ

जानना नीम का पेड़ नहीं जानता कि नीम है उसका नामन पीपल के पेड़ को पता कि वह पीपल है यह तो आदमी है जो जानता है कि उसका नाम …

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William Morris MeT Museum

Wild Jasmine : A short story by Paramita Satpathy – Translated from Odia by Snehaprava Das

The forest was aflame. It was the second half of May and the temperature hovered around forty-five degrees Celsius. The sky poured out molten heat. Like a thirst-tormented monster the …

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गूँथा हुआ जीवन : लक्ष्मी कनन की कविताएँ/अनुवाद – अनामिका

गूँथा हुआ जीवन पके हुए वे छेहर बाल बिखरेथे इधर उधर गुलियाए चेहरे पर हँसकर कहा उसने, “अब मेरे हाथ में समय है बालों का जंजाल कम हो गया- छेहर …

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