कुछ मौते हैं बनी ठनी : मणि राव की कविताएँ

कुछ मौते हैं बनी ठनी 
नफ़ासत से तह की हुई तितलियाँ

और कुछ के होते हैं परचम 
तार तार  हुआ एक  पर, थपेड़े   खाता हवा में

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